पशुओं के अपशिष्ट से बनाए जाएगी सीएनजी गैस, घोघा डेयरी में लगाए जाएंगे दो संयंत्र
उत्तरी दिल्ली नगर निगम पशुओं के अपशिष्ट से बिजली और सीएनजी बनाएगा। इसके लिए घोघा डेयरी में 100 तथा 200 मीट्रिक टन के दो गोबर गैस प्लांट लगाए जायेंगे। इन प्लांटों से 120 मीट्रिक टन गैस का उत्पादन प्रतिदिन हो सकेगा। इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि दोनों संयंत्र लगाने का कार्य संभवत अगस्त 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम नवीन तकनीक और संसाधनों का प्रयोग कर रहा है। कचरे और अपशिष्ट को संसोधित करना सबसे महत्वपूर्ण है। इसके लिए निगम ने आईजीएल के साथ एक समझौता किया है। समझौते के तहत उत्तरी निगम को घोघा डेयरी में 100 मीट्रिक टन के गोबर गैस संयंत्र के लिए तीन एकड़ जमीन और 200 मीट्रिक टन के लिए भी करीब तीन एकड़ भूमि देनी है। 100 टन के संयंत्र के लगाने के लिए मशीनरी पर जो भी खर्च आएगा वह आईजीएल को वहन करना है। लेकिन 200 मीट्रिक टन के संयंत्र के लिए शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से तीन करोड़ रुपये निगम को जारी किए जाएंगे और शेष रकम आईजीएल को लगानी होगी।
इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 200 मीट्रिक टन के संयंत्र को लगाने के लिए प्रकिया शुरू कर दी गई है। संयंत्र लगाने का कार्य अगले साल अगस्त 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद 100 मीट्रिक का संयंत्र लगाया जाएगा। 200 मीट्रिक टन के संयंत्र से करीब 80 हजार किलोग्राम सीएनजी प्रतिदिन बन कर तैयार होगी और 100 टन के संयंत्र से 40 हजार किलो गैस बनेगी। अधिकारियों का कहना है कि पहले यह संयंत्र भलस्वा डेयरी में लगाए जाने थे, लेकिन वहां जगह कम होने के कारण इस योजना को घोघा डेयरी में अमली जामा पहनाया जा रहा है।